कल रात मैंने मौत को सपने में देखा इतना भयानक दृश्य था कि दिल दहल उठा
कुछ लोगों ने मुझे पकड़ लिया था
एक कमरे में बंद कर दिया था
ना खाने की कोई वस्तु थी
और ना पीने को पानी
ऐसे कैसे बचती ये जिंदगानी ।
तिल तिल करके मौत
मेरे नजदीक आ रही थी
मेरी आंखों के सामने
धुंध सी छा रही थी ।
मैं असहाय सा क्रंदन कर रहा था
मेरी हालत पर वक्त अट्टहास कर रहा था
जब चलने फिरने की ताकत खत्म हो गई
तब दुष्टों ने खिड़की से एक जलती लकड़ी फेंक दी
जिससे पूरे घर में आग लग गई।
लोग तो मरने के बाद "अग्नि स्नान" करते हैं
मुझे तो यह "सौभाग्य" जीते जी मिल रहा था
ऐसे लग रहा था जैसे पश्चिमी बंगाल
मेरे सपनों में पल रहा था
ना मैं चीख सकता था और ना ही बच सकता था
बस, चुपचाप मौत को ही वरण कर सकता था
इस कदर भयावह होती है मौत
ये राज कल रात मैंने जाना था
कैसे बयां करूं वो कैसा अफसाना था ।
जिंदा जलने से भयावह और क्या होगा
जो ऐसा करते हैं उनसे ज्यादा राक्षस और कौन होगा
कोई धर्म के नाम पर तो कोई बेअदबी के नाम पर
किसी जिंदा इंसान को कैसे जला देते हैं
पुलिस तमाशबीन बनी रहती है
शासक, मीडिया, न्यायालय खामोश रहते हैं
क्या इसे लोकतंत्र कहना जायज होगा
क्या इस वीभत्सता का किसी को अहसास होगा ?
ये कौन सा दौर है जहां नृशंसता का बोलबाला है
अंबेडकर ने क्या इसी दिन के लिये संविधान बना डाला है
दोस्तो, ये आज ख्वाब है, कल हकीकत बन सकता है
मेरा प्यारा सा भारत भी अफगानिस्तान बन सकता है
हरिशंकर गोयल "हरि"
1.5.22
Seema Priyadarshini sahay
02-May-2022 09:17 PM
शानदार
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Hari Shanker Goyal "Hari"
02-May-2022 10:52 PM
💐💐🙏🙏
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Gunjan Kamal
01-May-2022 01:17 PM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌
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Hari Shanker Goyal "Hari"
01-May-2022 03:33 PM
बहुत बहुत आभार मैम 💐💐🙏🙏
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